ड्राइंग पॉवर इन बँकिंग | Drawing Power Meaning In Banking

ड्राइंग पावर मिनिंग इन बैंकिंग (Drawing Power Meaning in Hindi) –

आज इस आर्टिकल में हम ड्राइंग पॉवर मिनिंग इन बँकिंग (Drawing Power Meaning in Banking) के बारे में जानेंगे। ड्राइंग पावर (Drawing Power) का सरल हिंदी भाषा में मतलब है – “आहरण शक्ति “

Drawing Power Meaning Banking

CC लोन में ड्रॉइंग पावर का महत्व-

कैश क्रेडिट CC लोन,शिक्षा लोन,होम लोन जैसे कर्ज खातों में ड्राइंग पावर शब्द का इस्तेमाल हम ने क़ाफी बार सुना है। कैश क्रेडिट लिमिट जो कार्यशील पूंजी सीमा के नाम से भी जानी जाती है। यह एक सुविधा है जो बैंक और वित्तीय संस्था द्वारा व्यापारियों और बिज़नेस को प्रदान की जाती है।

बैंक और बैंक जैसी वित्तीय संस्थाएँ व्यापार-व्यवसाय बढाने के लिए CC लोन देती है। इस लोन में ऋणदाता या कर्ज़दार को जब चाहे पैसे निकालने का अवसर मिलता है। बैंक हमे CC लोन द्वारा Working capital देती है। इस वर्किंग कैपिटल याने की कार्यशील पूँजी का कार्यकाल एक साल होता है। इस कार्यशील पूँजी को हमें हर साल नवीकृत कराना पड़ता है।

ड्राइंग पावर मिनिंग इन बैंकिंग (Drawing Power Meaning In Banking) यह है की इस सीमा के अंदर हम कार्यशील पूँजी से पैसे निकल सकते हैं। कार्यशील पूँजी के भीतर ड्राइंग पावर की गणना विशिष्ट मार्जिन पर होती है। यहाँ पर मार्जिन का मतलब व्यापार में कर्जदार का योगदान होता है।

ड्रॉइंग पावर में मार्जिन क्या होता है ?

मान लो की हम ने व्यापार 5,00,000 शुरू किया था । कड़ी मेहनत और लगन से काम करने की वजह से अभी हमारा व्यापार काफी बढ़ रहा है। ग्राहकों की मानों हमेंशा भीड़ लगी रहती है। और हमें नए माल की ख़रीदारी में पैसे कम पड रहें है। और इसी पैसे की कमी को पूरा करने के लिए हम ने बैंक से वर्किंग कैपिटल की मांग की हैं।

अभी बैंक हमे लोन देते समय बिज़नेस में हमारे जो पाँच लाख रुपए हैं इन्हे मार्जिन के तौर पर नहीं गिनेगी । बल्कि अभी हमारे पास जो स्टॉक है उसके 25 % मार्जिन मानेगी। ज्यादा तर मामलों में मार्जिन स्टॉक के 25 % और खाता बुक में से देनदारों के 40 % होता है।

यह मार्जिन हर बैंक द्वारा अलग अलग होता है। व्यापार की स्वरुप अनुसार भी मार्जिन बदलता है।

ड्राइंग पावर की गणना का सामान्य सूत्र इस प्रकार है –

आहरण शक्ति = स्टॉक की कीमत + देनदारों से मिलने वाले पैसे

स्टॉक की कीमत = (स्टॉक – लेनदार ) (100% – स्टॉक का मार्जिन )

देनदारों से मिलने वाले पैसे = देनदार * (100 % देनदारों का मार्जिन )

अब हम एक उदाहरण से Drawing Power Meaning in Banking को समझेंगें।

हिंदुस्तान ट्रेडर्स को बैंक से 1000000 की कार्यशील पूँजी लिमिट मिली है। हिंदुस्तान ट्रेडर्स का अक्टूबर २०२३ का स्टॉक स्टेटमेंट कुछ इस तरह है।
कुल स्टॉक 1200000 , देनदारों को 300000 देने हैं। लेनदारों से हिंदुस्तान ट्रेडर्स को 500000 मिलने वाले हैं। लेनदारों से मिलने वाले पैसों में से 100000 ऐसे हैं जिन्हे 90 से ज्यादा का समय हो चूका है।

ड्राइंग पावर कैलकुलेशन (Drawing Power Meaning in Banking) –

हिंदुस्तान ट्रेडर्स के कर्ज खाते में अक्टूबर 2023 Drawing Power Meaning in Banking इस तरह है।

Aकुल स्टॉक12,00,000 ₹
Bदेनदारों को देनेवाले पैसे3,00,000 ₹
C = A – Bनेट नक़द स्टॉक9,00,000 ₹
D = C * 25%25 % स्टॉक के ऊपर का मार्जिन2,25,000 ₹
E = C – Dस्टॉक से निकली ड्रॉइंग पावर6,75,000 ₹
Fलेनदारों से मिलने वाले कुल पैसे5,00,000 ₹
G90 दिन से जादा दिनोवाले लेनदार1,00,000 ₹
H = F – Gनेट लेनदार4,00,000 ₹
I = H * 40%लेनदारों के ऊपर का मार्जिन 40 %1,60,000 ₹
J = H – Iलेनदारों से निकली ड्रॉइंग पावर2,40,000 ₹
K = E + Jकुल ड्रॉइंग पावर9,15,000 ₹

ऊपरी गणना के अनुसार आहरण शक्ति (Drawing Power) हमेशा कार्यशील पूँजी से कम होती है। RBI निर्देशों के अनुसार बैंक को व्यापारी ने दिए स्टॉक विवरण के अनुसार ड्राइंग पावर निकालना जरुरी है। आहरण शक्ति निकालने के लिए तीन महीने से ज्यादा पुराने स्टॉक विवरण बैंकद्वारा अस्वीकृत होते हैं। लगातार तीन महीनों से जादा ,स्टॉक स्टेटेमेंट (स्टॉक विवरण ) न मिलने पर बैंक हमारा कॅश क्रेडिट खाता अनियमित मानते हुए NPA में डाल सकती है।

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