जब भी हम बैंक में CC Loan या OD Loan के लिए आवेदन करते हैं,तब बैंक हमें कुछ कागज़ात माँगता है। जैसे की बिज़नेस रेजिस्ट्रेशन के कागज़,गुमास्ता,GST रेजिस्ट्रेशन ,उद्यम आधार,१ साल का बैंक स्टेटमेंट ,ITR ,KYC इ । इन सभी कागजो के साथ बैंक एक कागज और माँगता है,और वो है, स्टॉक स्टेटमेंट (Stock Statement)।
OD LOAN और CC LOAN –
OD Loan लेते समय हमे बस पहली बार स्टॉक स्टेटमेंट देना होता है । जब की CC Loan लेते समय और लेने के बाद भी हमे हर महिने बैंक को स्टॉक स्टेटमेंट देना होता है।दोनों लोन में किस तरह से स्टॉक स्टेटमेंट देते है,यह हम आगे जानेंगे।
स्टॉक स्टेटमेंट (Stock Statement) क्या होता है?
अब सवाल यह है,की स्टॉक स्टेटमेंट होता क्या है ? इसे तैयार कैसे किया जाता है ?कौन सी चीज़ो का इसमें मौजूद होना जरुरी है? इसे बनाते वक्त किन बातों का ध्यान रखना जरुरी होता है ? इन सारे सवालों के जवाब हमें इस लेख में मिलेंगें । स्टॉक स्टेटमेंट बनाना वैसे तो बहुत ही आसान है।पर पूरी जानकारी न होने के कारण हम इसे ठीक से नहीं बना पाते।
स्टॉक स्टेटमेंट क्या होता है ?
इसका आसान शब्दों में जवाब है ‘ हमारे कंपनी /बिज़नेस /दुकान में से बिकने लायक माल का विस्तारपूर्वक विवरण ‘
इस विवरण के साथ और भी जानकारी दी जाती है,जैसे की हमारे लेनदार और हमारे देनदारों की सूचि और पुरे सामान की वस्तुसूचि। सामान कौन कौन सी जगह पर रखा है,उस का विवरण। कई बार दुकान/फैक्ट्री के साथ हम अलग से गोदाम बनाते है। उस गोदाम में बिकने लायक कितना माल रखा है, यह भी स्टॉक स्टेटमेंट में उल्लिखित करना होता है।
बिज़नेस/फैक्ट्री/दुकान के अलावा अगर हम ने एक या एक से ज्यादा गोदाम बनाएं हो,तो उन सभी का विवरण स्टॉक स्टेटमेंट में होना चाहिए । यहाँ पर एक बात का ध्यान जरूर रखे की इन सभी गोदामों के कागज आप के ही नाम पे हो। अगर गोदाम आप के नाम पे ना हो,या किराए पे लिए हो तो रेंट अग्रीमेंट का होना जरुरी है । लोन के समय बैंक आप से रेंट अग्रीमेंट मांग सकती है।
इन मुद्दों का स्टॉक स्टेटमेंट (Stock Statement) में उल्लेख होना चाहिए
- सारी चीज़ें या माल का विवरण
- माल कौन से गोदाम में रखा है उस गोदाम का विवरण
- शुरुआती स्टॉक की मात्रा
- नया खरीदा हुआ माल
- कुल बिका हुआ माल
- क्लोजिंग स्टॉक की मात्रा
- हर एक चीज़ की कीमत
- सारे माल का कुल मूल्य
- हमारे गोदाम में अभी कितना स्टॉक है ?
- हमे वेंडर्स को कितने पैसे देने है ?
- हमें आगे से कस्टमर से कितने पैसे मिलने वाले है ?
स्टॉक स्टेटमेंट (Stock Statement) बनाते समय ध्यान में ली जानेवाली बातें –
माल की खरिदारी के समय की कीमत,या अभी चालू खरीदारी की कीमत इन में से जो कम हो,वो स्टॉक स्टेटमेंट में आती है । कुल माल को उस की ख़रीदी कीमत से गुना करके पुरे स्टॉक की कुल कीमत निकाली जाती है।
सनड्री डेटर्स और सनड्री क्रेडिटर्स –
इस वस्तु सूचि के बाद आती है Sundry Debtors (सनड्री डेटर्स) और Sundry Creditors (सनड्री क्रेडिटर्स) की सूचि | सनड्री डेटर्स याने जिन लोगों से हमे पैसा लेना हैं वो लोग – मतलब की हमारे ग्राहक/कस्टमर्स। और सनड्री क्रेडिटर्स का मतलब जिन लोगों को हमे पैसे देने है वह लोग – जैस की हमारे वेंडर्स ,रॉ मटेरियल सप्लायर्स । सामान्यतः सभी बैंक में Sundry Debtors (सनड्री डेटर्स) के बारे में ३ कैटेगरी बनायीं होती है।
- ० दिन से ९० दिन = ० से ९० दिन के भीतर पैसे मिलने वाले Invoice /इनवॉइस/बिल्स
- ९० दिन से १८० दिन = ९० से १८० दिन के भीतर पैसे मिलने वाले Invoice /इनवॉइस/बिल्स
- १८० दिन से ज्यादा = १८० दिन के बाद पैसे मिलने वाले Invoice /इनवॉइस/बिल्स
बिल बन के माल/सामान बिकने के बाद उसके पैसे हमे कितने दिन में वापस मिलते है, इस आधार पर यह सूचि बनायीं जाती है। मान लीजिये की माल की बिक्री के बाद हमे उसके पैसे ९० दिन से पहले मिल जाते है,तो उन सभी बिलों का विवरण पहली कैटेगरी में आएगा। ठीक ऐसे ही जिस माल का पैसा हमे ९० दिन से १८० दिन में मिलता है, उसका विवरण दूसरी कैटगरी में आएगा। और जिस बील के पैसे हमें १८० दिन के बाद मिलते है,उस का विवरण तीसरी कैटगरी में आएगा।
खरीद और बिक्री –
हम ने पिछले महीने कितना माल ख़रीदा,इस चालू महीने में हम कितना माल खरीद चूकें हैं। साथ ही हम ने पिछले महीने में कितना माल बेचा,चालू महीने में हम कितना माल बेच चूकें हैं। इन सब का विवरण भी स्टॉक स्टेटमेंट में आता है । इन सभी आकड़ों से बैंक ड्रॉइंग पॉवर निकालती है । DP क्या होता है,यह हम आगे विस्तार से जानेंगे।
ड्रॉइंग पॉवर कैसे निकालते हैं ? (Drawing Power DP)
हमारे पास बेचने लायक कितना माल है,हमारे लेनदारों को हमें आगे कितने पैसे देने है,आगे से हमारे देनदारों से हमें कितने पैसे मिलने वाले हैं,इन सारे आँकड़ों को जोड़ घटाकर बैंक ड्रॉइंग पॉवर निकालती है। ड्रॉइंग पॉवर को MPBF भी बोलते है । DP या MPBF का मतलब हम उतने पैसे बैंक CC से निकाल सकते हैं । वस्तुसूचि (इन्वेंट्री) और प्राप्य (Receivables) के आधार से वास्तविक ड्रॉइंग पॉवर (drawing Power) की राशी निकालने के लिए स्टॉक स्टेटमेंट तैयार किया जाता है।
व्यापारी कम्पनी और उत्पादक कम्पनी –
ट्रेडिंग कम्पनी(व्यापारी) और उत्पादक कंपनी के स्टॉक स्टेटमेंट में थोड़ा अंतर होता है। ट्रेडिंग कम्पनी के स्टॉक स्टेटमेंट में बिकने लायक सभी चीजों का विवरण आता है,जब की उत्पादक कंपनी में रॉ मटेरियल स्टॉक स्टेटमेंट में नहीं आता। इसका मतलब बिकने लायक तैयार स्टॉक ही स्टॉक स्टेटमेंट में आता है।
स्टॉक स्टेटमेंट (Stock Statement) इस तरह से बनाइयें –
अब हम जानेंगे की स्टॉक स्टेटमेंट कैसे बनाते है, इसे हम दो हिस्सों में समझेंगे।
- CC लोन लेने से पहले दिया जानेवाला स्टॉक स्टेटमेंट
- CC लोन मिलने के बाद हर महिने दिया जानेवाला स्टॉक स्टेटमेंट
अब हम उदहारण के तौर पर एक स्टॉक स्टेटमेंट बनाएंगे । इसी उदहारण के साथ आप को स्टॉक स्टेटमेंट के सम्बन्धी सारी जानकारी हो जाएगी।
बिज़नेस की जानकारी –
हिंदुस्तान ट्रेडर्स का चावल बेचने का बिज़नेस है । हिंदुस्तान ट्रेडर्स के १५ कस्टमर्स है ,जिन्हे अकाउंट के भाषा में संड्री डेटर्स (Sundry Debtors) कहा जाता है।आसान भाषा में यह १५ लोग हिंदुस्तान ट्रेडर्स के देनदार हैं |इन्हे हिंदुस्तान ट्रेडर्स को पैसे देने हैं।
इसी के साथ हिंदुस्तान ट्रेडर्स के कुल मिला कर ५ वेंडर्स है,जिनसे वह चावल खरीदते हैं । इन ५ वेंडर्स को अकाउंट के भाषा में संड्री क्रेडिटर्स (Sundry Creditors) कहा जाता है।आसान भाषा मैं यह ५ लोग हिंदुस्तान ट्रेडर्स के लेनदार हैं । इन्हे हिंदुस्तान ट्रेडर्स से पैसे लेने हैं।
हिंदुस्तान ट्रेडर्स १२ तरह के अलग अलग चावल बेचती है।दुकान के साथ साथ हिंदुस्तान ट्रेडर्स के २ गोदाम भी हैं,जिनमे यह सारा माल रखा जाता है। हिंदुस्तान ट्रेडर्स की दुकान उनकी खुद की है और यह दोनों गोदाम उन्होंने किराये पर लिए हुए है।
१) CC लोन लेने से पहले दिया जाने वाला स्टॉक स्टेटमेंट –
अभी हम हिंदुस्तान ट्रेडर्स के स्टॉक स्टेटमेंट का पहला पन्ना बनाएंगे।
१) स्टॉक स्टेटमेंट (Stock Statement) का पहला पन्ना –
- सारी चीज़ें या माल का विवरण
- माल कौन से गोदाम में रखा है उस गोदाम का विवरण
- हर एक चीज़ की कीमत
- सारे माल का कुल मूल्य
इस पन्ने पर सबसे ऊपर बाएं हिस्से मैं हिंदुस्तान ट्रेडर्स का नाम और पता लिखेंगे। और दाहिने हिस्से में बैंक का नाम और पता लिखेंगे। जैसा की आप निचे देख पा रहे हैं,इस तरह से आनुक्रमित करते हुए सभी स्टॉक लिखेंगे। पहले स्तंभ में अनुक्रमांक,दूसरे में चावल का तफ़सील,तीसरे में माल कहा रखा है उसका तफ़सील,चौथे स्तंभ में राशि/मात्रा,पाँचवे स्तंभ में कीमत,अंतिम स्तंभ में कुल कीमत लिखेंगे। चौथे और पांचवे स्तंभ को गुना कर के, हमे हमारे अंतिम स्तंभ की रकम मिलेगी।
इस तरह से पूरा तफ़सील लिखने के बाद हम साथ में दुकान के मालिकी के कागज़ात और गोदामों के किराया समझौता पत्र जोड़ देंगे । ठीक इसी तरह से आपको अपने बिज़नेस के बिकाऊ वस्तुओं का सारा तफ़सील लिखकर स्टॉक स्टेटमेंट का पहला पन्ना बना लेना है । नीचे दिए गए लिंक से आप pdf ,excel ,word प्रारूप को डाउनलोड कर सकते है। इस एक्सेल शीट में आप अपने आंकड़े डाल,कर आप के स्टॉक स्टेटमेंट का पहला पन्ना बना सकते हैं ।
Stock Statement Format in Excel
Stock Statement Format in Word
२) स्टॉक स्टेटमेंट (Stock Statement) का दुसरा पन्ना –
- हमें आगे से कस्टमर से कितने पैसे मिलने वाले है ?
- हमें वेंडर्स को कितने पैसे देने है?
अभी हम स्टॉक स्टेटमेंट का दुसरा पन्ना बनाएंगे। इस पन्ने में हमें आगे से कस्टमर से कितने पैसे मिलने वाले है और हमे वेंडर्स को कितने पैसे देने है इस की सूचि होगी।
हिंदुस्तान ट्रेडर्स के कुल १५ Sundry Debtors (सनड्री डेटर्स) है। इन्ही १५ ग्राहकों से हिंदुस्तान ट्रेडर्स को पैसा लेना है। नीचे दिए गए इमेज में हम ने हिंदुस्तान ट्रेडर्स के Sundry Debtors (सनड्री डेटर्स) से मिलनेवाले कुल पैसों की सूचि बनायीं हुई है। ठीक इसी तरह आप अपने कम्पनी के Sundry Debtors (सनड्री डेटर्स) से मिलनेवाले कुल पैसों की सूचि बना सकते है।
जैसे की इस इमेज के निचले हिस्से में हम एक सूचि देख रहे हैं। इस सूचि में हिंदुस्तान ट्रेडर्स को अपने Sundry Creditors (सनड्री क्रेडिटर्स) को कितने पैसे देने है,इस की कुल रक़म दिखाई गयी है। इसी तरह से आप अपने कम्पनी /बिज़नेस के लेनदारों की सूचि बना कर, स्टॉक स्टेटमेंट में जोड़ दीजिये।
दूसरा पन्ना बनाने के लिए उपयुक्त pdf ,excel ,word प्रारूप का लिंक नीचे दिया है। इसे डाउनलोड कर के इस में आप के बिज़नेस के आकंड़े डाल कर स्टॉक स्टेटमेंट का दूसरा पन्ना बना लीजिये।
Stock Statement Format in Excel
Stock Statement Format in Word
३)स्टॉक स्टेटमेंट (Stock Statement) का तिसरा पन्ना –
- पिछले महीने नया खरीदा हुआ माल
- इस महीने नया खरीदा हुआ माल
- पिछले महीने कुल बिका हुआ माल
- इस महीने कुल बिका हुआ माल
जैसे की आप देख रहे है,हिंदुस्तान ट्रेडर्स की पिछले महीने की खरीदारी के आंकड़े और चालू महीने के खरीदारी के आंकड़े तीसरे पन्ने में दिखाए गए है। साथ ही पिछले महीने की कुल बिक्री के आंकड़े और चालू महीने के कुल बिक्री के आंकड़े इस पन्ने में दिख रहे है।
ठीक इसी तरह से आप अपने स्टॉक स्टेटमेंट का तीसरा पन्ना बना सकते है । तीसरा पन्ना बनाने के लिए उपयुक्त pdf ,excel ,word प्रारूप का लिंक नीचे दिया है।
Stock Statement Format in Excel
Stock Statement Format in Word
स्टॉक स्टेटमेंट (Stock Statement) में लिखी जानेवाली बाकी चीजें –
स्टॉक स्टेटमेंट के ३ मुख्य पन्नों के साथ कुछ और पूरक पन्ने जोड़ने ज़रूरी होते हैं। स्टॉक स्टेटमेंट के पहले पूरक पन्नें में देनदार और लेनदारों का पूरा Ledger लेज़र आएगा। अभी आप हिंदुस्तान ट्रेडर्स के १५ देनदार और ५ लेनदारों में से एक का लेजर देख सकते हैं।
ठीक इसी तरह से आप को भी आपने सभी देनदारों और लेनदारों के लेजर अलग़ अलग़ लिखवाने है। यह पन्ना बनाने के लिए उपयुक्त pdf ,excel ,word प्रारूप का लिंक नीचे दिया है।
Stock Statement Format in Excel
Stock Statement Format in Word
2. CC लोन मिलने के बाद हर महिने दिया जाने वाला स्टॉक स्टेटमेंट –
CC लोन मिलने के बाद हर महिने बैंक में स्टॉक स्टेटमेंट जमा करना होता है। यह मंथली स्टॉक स्टेटमेंट जमा करते समय बस मुख्य ३ पन्ने बैंक को देने होते हैं। बाकि के पन्ने देने की आवश्यकता नहीं होती है।
स्टॉक का बीमा (Stock Insurance) –
अगर आप CC लोन के लिए आवेदन दे रहे हैं,तो बैंक आप से स्टॉक स्टेटमेंट में और भी कागजात मांग सकती है। जैसे की दुकान और गोदाम के ओनरशिप – मालिकी के कागज ,अगर किराये पर हो तो किराया समझौता पत्र ,अगर आप ने बिमा कराया हो तो दुकान/गोदाम/ऑफिस/फ़ैक्ट्री/स्टॉक के बीमे के कागज इ.।
गोदामों का तफ़सील बैंक इसी लिए मांगती हैं,क्योंकी बैंक आप को जो लोन दे रहा है ,वह सिर्फ स्टॉक के आधार पर दे रहा है और इसी लोन को सुरक्षित रखने के लिए बैंक आप के सारे स्टॉक का बीमा निकालती है। इस बीमा के साथ आप और बैंक,दोनों सुरक्षित रहते हैं।
मान लो, किसी दुर्घटना वश आप के माल का नुकसान होता है ,तो बीमे के पैसे से बैंक आप का लोन चुका लेता है और आप को भी हर्जाना मिल जाता है। आग लगना ,चोरी हो जाना जैसी विपत्त्तियों से यह बिमा आप को सुरक्षित रखता है। इसी लिए स्टॉक स्टेटमेंट बैंक को देते समय स्टॉक का सही सही तफ़सील दे । ऐसा ना हो की आप ने बैंक को बताया है, की स्टॉक दुकान में है और वास्तव में वह गोदाम में रखवाया है।
आप की स्टॉक स्टेटमेंट के अनुसार बैंक आप के दुकान का बीमा कर देगा । आग या चोरी जैसी कोई विपत्त्ति आप के गोदाम में होती है,तो वह इस बीमे में नहीं आएगी। और उस विपत्ति का नुकसान आप को खुद उठाना होगा।
स्टॉक स्टेटमेंट (Stock Statement) से मुनाफा कमाइए –
स्टॉक स्टेटमेंट बनाने की जानकारी ना होने की वजह से कई लोग इसे सही समय पर बैंक में जमा नहीं कर पाते है। इस कारण बैंक को काफी दिक्कत होती है। इस दिक्कत को ख़तम करने के लिए कई बैंक उनके ग्राहकों को एक ऑफर देती है। सही समय पर बैंक में स्टॉक स्टेटमेंट जमा करने वाले ग्राहकों को बैंक CC लोन के ब्याज में १-२% की छूट देती है।
अभी इस लेख के माध्यम से आप स्टॉक स्टेटमेंट आसानी से बना सकेंगे। आगे से सही समय में अपना स्टॉक स्टेटमेंट बैंक में जमा कीजिये। और इसी के साथ बैंक से ब्याज में छूट जरूर लीजिये।
मान लो,आप की १०,००,००० की CC लिमिट है। और एक महीने में आपने सारी लिमिट इस्तेमाल की है। इसके बाद आप ने सही समय पे बैंक में स्टॉक स्टेटमेंट जमा किया ,तो १ % के ब्याज में छूट के हिसाब से आप का १०,००० मुनाफ़ा हो जायेगा। बैंक के इस छूट का लाभ आप अवश्य लें।
CC Loan लेते समय बैंक और कर्ज़दार में जो भी अग्रीमेंट हुआ होगा, उस अनुसार बैंक आप से मासिक या त्रैमासिक रुप से स्टॉक स्टेटमेंट माँगती है। अगर किसी कारन वश आप ने बैंक CC Loan के वर्किंग कैपिटल का इस्तेमाल एकाद महीने में नहीं किया, तो उस महीने का ब्याज़ बैंक द्वारा माफ़ कर दिया जाता है।
NPA (Non Performing Assets) से बचिए –
जैसे की हम ने जाना है ,की स्टॉक स्टेटमेंट सही समय पे जमा करने पर बैंक हमें ब्याज में १ % से २ % की छूट देती है । ठीक इस के विपरित स्टॉक स्टेटमेंट समय पर ना जमा कराने पे बैंक हमें जुर्माना लगाती है। और यह लगातार हर महीने होता रहा, तो बैंक हमारे लोन खाते को NPA में डाल सकती है | हमारा ऋण खाता NPA में जाने का मतलब है, की बैंक हमारी CC लिमिट को बंद करा सकती है। अभी आप स्टॉक स्टेटमेंट बनाने के बारे में सारी बातें जान चूके हैं। हर महीने सही समय पे स्टॉक स्टेटमेंट बैंक में जमा कर के अपने लोन खाते को NPA में जाने से बचाइए।
स्टॉक स्टेटमेंट (Stock Statement) के बारे में अंतिम कुछ बातें
हर बैंक के स्टॉक स्टेटमेंट में थोडी भिन्नता होती है। पर सभी बैंकों की आवश्यकता लगभग समान होती है। इस लेख के साथ हमने Stock Statement Format in Excel, Stock Statement Format in Word, Stock Statement Format in Pdf का लिंक दिया है। इन लिंक से आप स्टॉक स्टेटमेंट फॉर्मेट डाउनलोड कर के अपना स्टॉक स्टेटमेंट बना सकते हैं। स्टॉक स्टेटमेंट का यह एक मानक प्रारुप (स्टैण्डर्ड फॉर्मेट )है। अगर आपको इसके अलावा किसी भी बैंक का स्टॉक स्टेटमेंट फॉर्मेट चाहिए, तो कमेंट कर के हमे बताइये। हम आप के लिए वह फॉर्मेट का लिंक साथ में जोड़ देंगे।
FAQ –